राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों की पेन्शन समस्या एवं समाधान

 

आज दिनांक 05/02/2025 को जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय की पेन्शन सोसाइटी के द्वारा राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों में पेन्शन भुगतान में आ रही समस्या एव उसके समाधान पर चर्चा करने हेतु दोपहर 12.30 बजे विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। जिसमें जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर की पेन्शन सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो. रामनिवास शर्मा, पूर्व कुलपति एवं सोसाइटी के सरंक्षक प्रो. गंगा राम जाखड़, पूर्व कुलपति एवं सोसाइटी के सरंक्षक प्रो. बी. एस. राजपुरोहित एवं पेंशन संघर्ष समिति के संयोजक अशोक व्यास ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेन्शन भुगतान का उत्तरदायित्व राज्य सरकार ले क्योंकि राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों में 1990 में राज्य सरकार के आदेश से ही पेन्शन लागू की गयी थी, जिसे सभी विश्वविद्यालयों ने अपनी सक्षम बॉडीज़ से पारित कर लागू कर दिया था। साथ ही यह कहा गया था कि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर पेन्शन का प्रबंधन करेंगे। सभी विश्वविद्यालय अपने अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेन्शन का भुगतान येनकेन प्रकारेण करते रहे परन्तु अब सभी की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय हो गयी है कि किसी भी प्रकार से पेन्शन का भुगतान नहीं कर सकते हैं। सबसे अधिक दयनीय स्थिति राजस्थान राज्य के पाँचों कृषि विश्वविद्यालय एवं जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय की है जहाँ न केवल पेन्शन भुगतान की समस्या है वरन् अपने अपने पेंशनर्स के विभिन्न प्रकार के सेवानिवृत्ति परिलाभ भी देने शेष हैं।

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति तो इतनी दयनीय हो चुकी है कि वह दो-दो तीन-तीन महीनों तक पेन्शन का भुगतान नहीं कर पाता है। इतना ही नहीं 2020 के पश्चात सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति परिलाभों यथा ग्रेच्युटी, कम्यूटेशन एवं सातवें वेतन आयोग के पेन्शन पुनर्निर्धारण एरियर की बकाया राशि का भुगतान भी नहीं कर पाया है।

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