कर्नल सोफिया कुरैशी का घाटमपुर (जो बुंदेलखंड का हिस्सा है) से गहरा नाता है। उनकी मां हलीमा की शादी बुंदेलखंड के नौगांव में हुई थी और उनके परिवार की जड़ें हमीरपुर और झांसी में हैं. उनके परिवार में झांसी के सदर बाजार और हमीरपुर के किंग रोड में उनके रिश्तेदार रहते हैं, जो बुंदेलखंड से उनका गहरा संबंध दर्शाते हैं. सोफिया कुरैशी का बुंदेलखंड से भी गहरा नाता है. झांसी में चचेरी बहन और हमीरपुर में मौसी रहती हैं. टीवी पर भारतीय जांबाजों के पराक्रम की गाथा बताते देख सभी फूले नहीं समाए. झांसी जिले के सदर बाजार स्थित भट्टागांव में रहने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी की चचेरी बहन शबाना रहती हैं. हमीरपुर की रहने वालीं 85 साल की जन्नतुन खातून टीवी पर अपनी गोद में खेली भांजी कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘ऑपेरशन सिंदूर की ब्रीफिंग करते देख भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि बार-बार एयर स्ट्राइक से अच्छा है कि एक ही बार में पाकिस्तान को मिटा दिया जाए ताकि पहलगाम जैसी हिमाकत दोबारा न की जाए. वह बताती हैं कि उनकी बहन हलीमा के जुड़वां बेटियां हुई थीं. एक का नाम सोफिया और दूसरी का नाम सायना रखा. दोनों को उन्होंने अपनी गोद में खिलाया.
पढ़ने में होशियार थीं सोफिया
सोफिया की शुरू से से ही फौज में जाने की ललक थी. हमीरपुर के किंगरोड में जन्नतुन के बेटे मोहम्मद अशरफ की कपड़े की दुकान हैं. इसी मकान की ऊपरी मंजिल में सोफिया की खाला (मौसी) जन्नतुन अपने बेटे-बहू रहनुमा शेख के साथ रहती हैं. सोफिया की मां हलीमा उससे काफी छोटी हैं. हलीमा की शादी छतरपुर नौगांव में हुई थी. सोफिया पढ़ने-लिखने में बहुत होशियार थी. उसके पिता ताज मोहम्मद भी फौज में थे. आज देश की लड़ाई लड़ने वाली सूफिया ने बुंदेलखंड की धरती का भी नाम रोशन कर दिया.
ससुर बोले – ‘मेरी बहू ने मुझे गौरवान्वित किया
इधर, कर्नाटक से सोफिया के ससुर गौसाब बागेवाड़ी ने कहा, ‘मेरी बहू ने मुझे गौरवान्वित किया है. वह करीब 6 महीने पहले यहां आई थी. गांव के लोग मुझसे मिल रहे हैं और मुझे बधाई दे रहे हैं. मैं अभी बहुत खुश हूं. जब मैंने अपने बेटे से बात की, तो उसने मुझे बताया कि उसे लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.’