कानपुर DM से भिड़ने वाले CMO सस्पेंड: अखिलेश का तंज- ये सीएम और डिप्टी सीएम का झगड़ा

कानपुर में DM और CMO के बीच बवाल, सीएम योगी ने लिया एक्शन। ताजा खबर

कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह से भिड़ने वाले CMO डॉ. हरी दत्त नेमी को आखिरकार सस्पेंड कर दिया गया। इसके साथ ही, कानपुर में फरवरी यानी 5 महीने से दोनों अफसरों के बीच चल रहे विवाद का ‘द इंड’ हो गया।यह हाईप्रोफाइल मामला सिर्फ डीएम और सीएमओ के बीच का विवाद नहीं था। बल्कि कानपुर भाजपा में भी दो फाड़ हो गई थी। यानी, कानपुर के 7 भाजपा विधायकों में 5 ने डीएम का पक्ष लिया था, जबकि दो ने सीएमओ का सपोर्ट किया था।यही नहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले में तंज कसा था। उन्होंने इसे सीएम और डिप्टी सीएम के बीच की झगड़ा बताया था। ऐसे में यह मामला सीएम योगी तक पहुंच गया था। इसके बाद एक्शन तय माना जा रहा था।CMO डॉ. हरी दत्त नेमी की जगह श्रावस्ती के CMO डॉ. उदयनाथ को कानपुर का नया सीएमओ बनाया गया है। हरी दत्त नेमी को मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है।चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. हरी दत्त नेमी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं यह विवाद 5 फरवरी, 2025 से शुरू हुआ, जब कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीएमओ ऑफिस में छापा मारा था। इस दौरान सीएमओ डॉ. हरी दत्त नेमी समेत 34 अधिकारी-कर्मचारी गैरहाजिर मिले थे। डीएम ने सीएमओ कार्यालय से ही एक वीडियो जारी किया। कहा- रजिस्टर में नाम लिखे हैं, लेकिन 34 अधिकारी-कर्मचारी ऑफिस में नहीं मिले। सभी का एक दिन का वेतन रोक दिया गया था।इस एक्शन के बाद डीएम और सीएमओ के बीच खटास शुरू हुई। इससे पहले डीएम लगातार सीएचसी और पीएचसी पहुंचकर कमियां उजागर कर रहे थे। इस मामले ने तब और तूल पकड़ा, जब डीएम के कहने पर भी सीएमओ ने लापरवाह अधिकारी-कर्मचारियों पर कोई एक्शन नहीं लिया।15 अप्रैल, 2025 को डीएम ने शासन को एक लेटर लिखा। इसमें कानपुर सीएमओ को हटाने के लिए कहा गया। एडमिनिस्ट्रेशन सोर्स के मुताबिक, 5 जून के बाद भी सीएमओ को हटाने के लिए शासन को लेटर लिखा गया। इस बीच सीएमओ भी अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए एक्टिव हो गए।सीएमओ का एक वीडियो भी सामने आया। इसमें उन्होंने कहा- जेएम फार्मा का बिल पेमेंट होना था, मेरे ऊपर दबाव बनाया गया। फर्म सीबीआई चार्जशीटेड थी। इसकी खामियों को लेकर 125 पेज की रिपोर्ट तैयार की। इसको अधिकारियों के पास भेजा गया। सीनियर फाइनेंस अधिकारी वंदना सिंह ने डीएम को लेटर भी भेजा था

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